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Friday, June 3, 2022

मौन ही श्रेष्ठ

उस रोज़ संत श्री गौर गोपाल दास जी का वीडियो देखा। मौन की बड़ी सुंदर व्याख्या आपने की । आपने कहा कि यदि मौन से बेहतर बोलना लगे तो ज़रूर बोलें । 

एक रोज़ अपने पिता से हमने पूछा कि इंसान को कितनी बात करनी चाहिये । हमारे पिता ने बहुत ही सुंदर और सटीक, दो टूक बात कही -  जितने में काम चल जाये उतनी बात करें ।

दो रोज़ पहले टी.व्ही. कार्यक्रम शंका-समाधान में एक भक्त ने प्रसिद्ध जैन संत प्रमाण सागर महाराज जी से पूछा कि किस प्रकार की बात करनी चाहिये। इस प्रश्न का उत्तर देते हुये महाराज जी ने कहा कि सदैव वह बात करनी चाहिये जिससे मामला सुलझ सके और ऐसी बात बिल्कुल भी नहीं की जानी चाहिये जिससे मामला उलझने की संभावना हो ।

प्रियतम अवतार मेहेरबाबा ने बताया है कि शाश्वत सत्य,पूर्ण यथार्थ तथा वास्तविक एवं सार्थक संवाद का आदान-प्रदान सदैव मौन में होता है  (Things that are real are given and received in silence.- Beloved Avatar Meher Baba Ki Jai), 

सादर,

प्रियतम अवतार मेहेरबाबा की जय !!!



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Jai Baba to You
Yours Sincerely
Chandar Meher

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