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Thursday, March 17, 2022

एक जैन मुनि की सीख



ज़िला मेरठ (उ.प्र.), बड़ा गाँव में बड़ा ही प्रसिद्ध त्रिलोक तीर्थ नाम का जैन तीर्थ क्षेत्र है। एक बार ससुराल पक्ष के साथ त्रिलोक तीर्थ क्षेत्र जाने का सुअवसर प्राप्त हुआ जहाँ हमारे ससुर साहब के गुरु, *महान संत सन्मति सागर जी महाराज* के आलौकिक दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनके दर्शन होते ही मन उत्साह से भर गया। इसी उत्साह में, अपने ससुर साहब से महाराज जी की बात करवाने के लिये हमने अपना मोबाईल फोन महाराज जी की ओर बढ़ाया। यह देख कर महाराज जी मुस्कुराये। परिवार के लोगों ने हमें बताया कि महाराज जी फोन आदि का उपयोग नहीं करते हैं। 

शाम होते ही जैन साधु मौन धारण कर लेते हैं एवं कुछ ही समय बाद वे एकांतवास में चले जाते हैं। अगली सुबह आचार्य दर्शन के बाद ही इनका व्रत पूर्ण होता है। 

जय बाबा, जय जिनेन्द्र !!!


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Jai Baba to You
Yours Sincerely
Chandar Meher

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