पिछले रविवार को आयोजित प्रियतम अवतार मेहेरबाबा के सत्संग में आदरणीय जी.पी.श्रीवास्तव अंकल द्वारा सुनाई गई कहानी इस प्रकार है:
एक शिष्य ने अपने गुरु से आधात्मिक उन्नति में इंद्रियों की भूमिका
जाननी चाही।
गुरू ने शिष्य को एक घड़ा देते हुये कहा की इस घड़े में 5 छेद करो। शिष्य ने वैसा ही किया। अब गुरू ने शिष्य
से पूछा कि क्या इस घड़े में पानी भरा जा सकता है। शिष्य ने बहुत सोचने के पश्चात
विनम्रता पूर्वक मना किया। गुरु ने पास रखी हौदी में रखे पानी में घड़े को डुबाने
को कहा, शिष्य ने तुरंत गुरुआज्ञा का पालन किया। देखते ही
देखते घड़े के अंदर पानी भर गया।
शिष्य हाथ जोड़ कर खड़ा हो गया। गुरू ने कहा कि घड़े के पाँच छेद
हमारी पंचेन्द्रियों के समान हैं। जब हम अपने आप को आध्यात्मिक वातावरण में डुबा
देते हैं और डुबाये रखते हैं तो हमारा भीतर सुंदर ईश्वरीय रंग से लबालब हो जाता
है-
जय प्रियतम अवतार मेहेर बाबा !!!!
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Jai Baba to You
Yours Sincerely
Chandar Meher