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Saturday, October 2, 2021

*सत्य अहिंसा*

 बात सन 1954-55 की है जब हमारे पिता (प्रो.एस. व्ही. आर्य) ने आई.आई.टी. खड़गपुर में प्रोफेसर होते हुये एम.टैक. करने के लिये इलिनॉय विश्वविद्यालय, अमरीका में प्रवेश लिया। 


यह वही दौर था जब वियतनाम में फ्रांस की जगह अमरीकी सेना ले रही थी।


एक रोज़ हमारे पिता एक रास्ते से हो कर जा रहे थे तभी उन्हें पीछे से एक आवाज़ आई। उन्होंने मुड़ कर देखा तो एक बुज़ुर्ग महिला को उन्हें बुलाते हुये देखा। उन्होंने बुजुर्ग महिला के पास जा कर आदरपूर्वक पूछा कि वे उस महिला की किस प्रकार सहायता कर सकते हैं।


महिला ने हमारे पिता से पूछा कि क्या वे महात्मा गाँधी के देश भारत से हैं पिता ने सहमति जताते हुये कहा 'जी, वे गाँधी जी के देश भारत से हैं'। तब बुजुर्ग महिला ने कातर भाव से हमारे पिता से कहा कि उनके बेटे को वियतनाम युद्ध में जाना पड़ा है। अतः, हमारे पिता, भारतीय नेताओं से कहें कि भारत, अमरीका को वियतनाम से अपनी सेना वापस बुलवाने के लिये मना ले ताकि उस महिला का बेटा वियतनाम से वापस आ जाये। 


पिता ने बुजुर्ग महिला से पूछा कि आप को किस तरह यह लगता है कि भारत की बात अमरीका मान लेगा और अपनी सेना को वियतनाम से वापस बुला लेगा। महिला ने कहा कि भारत महात्मा गाँधी का देश है, जो सत्य और अहिंसा के पथ पर चलता है। मुझे विश्वास है अमरीका, भारत की बात ज़रूर मानेगा।


आज भी हम अपने प्रति दूसरों से सत्य और अहिंसा की अपेक्षा करते हैं, हमारे हृदय के किसी कोने में महात्मा ज़िंदा हैं


जय प्रियतम अवतार मेहेर बाबा सदा !!!!


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Jai Baba to You
Yours Sincerely
Chandar Meher

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