Total Pageviews

Friday, October 15, 2021

दशहरा:संतुलन की असन्तुलन पर जीत

रावण के दस शीश उसके परम विद्वान होने का प्रतीक माना जाता है। किन्तु इसे अत्यधिक अहंकार का भी प्रतीक माना जाता है। 


रावण के चित्र से ऐसा लगता है कि रावण का एक शीश मध्य में होना चाहिये, बाकी चार शीश एक ओर तथा पाँच शीश दूसरी ओर होना चाहिये। 


इस प्रकार, शायद यह इस बात का भी प्रतीक है कि वे बेहद बुद्धिमान होने के बावजूद असंतुलित बुद्धि के प्रतीक होंगे। 


वहीं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का एक शीश है जो कि इस बात का परिचायक है कि भगवान राम  संतुलित बुद्धि के स्वामी हैं। साथ ही वे विवेक, धैर्य संयम और साहस के प्रतीक भी हैं। इन उत्तम गुणों के साथ भगवान राम ने रावण को युद्ध में हराया।


इस तरह दशहरा वह अवसर भी है जब संतुलन की असंतुलन पर जीत हुई,

जय सियाराम, जय मेहेरामेहेर


दशहरा का पावन पर्व आप सब को सपरिवार मुबारक हो, सादर 

।।जय सियाराम, जय मेहेरामेहेर।।

No comments:

Post a Comment

Your welcome on this post...
Jai Baba to You
Yours Sincerely
Chandar Meher

Related Posts with Thumbnails