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Friday, November 6, 2009

धोबी का गधा

एक अनपढ़ धोबी के गधे ने रात को धोबी के घर में चोर घुसते हुए देखा तो अपना कर्तव्य समझते हुये, मालिक को जगाने के उद्देश्य से चिल्लाने लगा पर पास ही लेटा धोबी का पालतू कुत्ता जान कर भी अनजान बना, मक्कारी करता हुआ चुपचाप लेटा रहा.
गधे की आवाज़ सुन कर धोबी जाग गया, सोचा आधी रात को कुत्ता भौंकता तो कुछ समझ में आता पर यह गधा क्यों हल्ला कर रहा है ? मुझे इतनी अच्छी नींद से जगा दिया. आव देखा न ताव बस गुस्से में उसने पास रखा डंडा उठाया और जा कर गधे की पीठ पर बरसा दिया. गधा बेचारा दुखी हो गया, कुत्ते के चेहरे पर कुटिल मुस्कान तैर गई.
एक पढ़ा लिखा, एम बी ए. पास लॉंन्ड्रीवाला धोबी था, उसने भी गधा पाल रखा था, रात को इसके घर भी चोर घुसा, यहाँ भी गधे ने शोर मचाया, कुत्ते ने यहाँ भी मक्कारी दिखाई. लॉन्ड्री वाला यहाँ भी जागा. चोर के आने और गधे की सजगता को उसने ध्यानपूर्वक सुना और समझा.
अगले दिन लॉंन्ड्री वाले ने सभा बुलाई और सबके सामने गधे का सम्मान किया, हार पहनाया और शाबासी दी. गधे को मिलने वाले हरे चारे की मात्रा में वृद्धि कर दी. गधा बहुत खुश हुआ. अब वह दिन दूनी और रात चौगुनी मेहनत करने लगा. दिन में वह कमर तोड़ मेहनत करता और रात को जाग कर घर पर पहरा भी देता. कुत्ता दिन में भी आराम करता था और अब रात को भी उसे आराम हो गया था, गधे ने जो पहरा देने का काम सम्भाल लिया था.
कुछ दिन बीते, गधे ने कुत्ते को देखा जो खा खा कर मुटा रहा था फिर उसने ळॉंन्ड्री वाले को देखा तो उसकी बुद्धि जागी. गधे को समझ में आया कि किस प्रकार से लॉंन्ड्री वाला उसका शोषण कर रहा है. अब गधा नई नौक्ररी की तलाश में निकल चुका है.
सीख:
1.       अपना काम करना ही बुद्धिमानी का परिचायक है. किसी और के काम में जहाँ तक हो सके हस्तक्षेप न करें.
2.       दुनिया में आम तौर पर दो प्रकार के लोग मिलते हैं एक तो शोषक और दूसरा शोषित. यदि आप शोषक नहीं हैं तो सावधान हो जायें कि कम से कम आपका कोई शोषण न कर सके.        

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Chandar Meher

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