एक बंदर
शहर से जंगल लौट के आया और सभी जानवरों को बताया कि शहर में चुनाव के माध्यम से
राजा चुना जाता है इसी प्रकार जंगल के राजा का भी चुनाव किया जाना चाहिये। बंदर ने
चुनाव के लिए सभी जानवरों को राजी भी कर लिया।
जंगल में
भी चुनाव हुये, बंदर भी चुनाव में खड़ा
हुआ और जीत गया। जीतकर वह जंगल का राजा बन बैठा।
एक दिन एक
बकरी अपनी फरियाद लेकर बंदर के पास आई, उसने कहा कि चीता उसके मेमने को खाना चाहता है। उसने बंदर से आग्रह किया
कि वह उसके मेमने को बचा ले।
जैसे ही
बंदर ने यह सुना वह पेड़ों में इधर-उधर कूदने लगा। बकरी आश्चर्य से बंदर को देखती
रही फिर उसने दोबारा बंदर से गुहार लगाई महाराज वह चीता मेमने को खा जाएगा उसे बचा
लीजिये।
यह सुनते
ही बंदर ने बकरी से कहा कि देखो बकरी मेरे प्रयासों में कोई कमी हो तो बताओ।
तुम्हारा मेमना बचे यह ना बचे यह मैं नहीं बता सकता।
यह पुरानी
कहानी है जो कल जब याद आई तब समझ में आया कि बंदर जो कर रहा था वह आउटपुट था पर
बकरी जो चाहती थी वह आउटकम था, जो उसे
मिला नहीं।
ऐसा आउटपुट
किस काम का जिसका कोई ऑऊटकम ना हो।
स्वतंत्रता
दिवस पर जय हिंद जय भारत ।।
No comments:
Post a Comment
Your welcome on this post...
Jai Baba to You
Yours Sincerely
Chandar Meher