![]() |
संत शिरोमणि श्री 108 श्री विद्यासागर महारज जी |
कुछ दिनों पहले सागर (म.प्र.) में चल रहे जैन समाज के एक भव्य किंतु सादगी भरे अध्यात्मिक आयोजन “पंचकल्याणक” में संत शिरोमणि श्री 108 विद्यासागर महाराज के प्रवचन सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. कर्मफल की व्याख्या करते हुये आपने कहा कि किये गये एक सत्कर्म के लिये सौ गुना पुण्य प्राप्त होता है.
अभी चन्द दिनों पहले रीवा (म.प्र.) में ही, अवतार मेहेर बाबा के सत्संग में डॉ. जी. पी. श्रीवास्तव अंकल का अध्यात्मिक व्याखान सुनने का मौका मिला जो कि बहुत ही रोचक होता है. प्रति माह के अंतिम रविवार को इस सत्संग का आयोजन आपके निवास स्थान पर ही होता है जिसका हम बेसब्री से इंतज़ार करते हैं.
इस अध्यात्मिक व्याख्यान में कुरान शरीफ से उद्धृत करते हुये आपने बताया कि यदि कोई व्यक्ति दुष्कर्म करे तो उसे 1 गुना पाप का भागी ही होता है जबकि यदि कोई व्यक्ति एक पुण्य कार्य करता है तो उसे सामन्य तौर पर दस गुना पुण्य प्राप्त होता है और विशेष परिस्थितियों में सत्तर गुना तक पुण्य प्राप्त होता है.
मन में बात आई कि यदि ऐसा वाकई होता है तो ईश्वर की कितनी मेहेर है. किंतु फिर लगा कि संत पुरुष, अच्छा कार्य करने हेतु प्रेरित करने मात्र के लिये ही इस प्रकार की बातें करते हैं.
एक रोज़ खेतों से होते हुये घर जाते समय गेहूँ की बालियोँ की ओर ध्यान गया, मन में विचार आया कि खेत में गेहूँ का एक बीज बोने पर कई सैकड़े गुना दाने हमें मिलते हैं, यह तो प्रकृति का नियम है.!!!
यानि संत पुरुष सही कहते हैं. सत्कर्म का पुण्य लाभ कई गुना मिलता है क्योंकि यह उस असीम दया के निधि प्रभु की कृपा है, आईये इसे अनुभव करें और दैवीय आनन्द से अपने जीवन को ओतप्रोत कर दें.
अवतार मेहेर बाबा की जय !!!
वाकई, ऐसे विकट समय में, जहाँ दुष्कर्म के लिए प्रलोभन प्रबल हैं, और सत्कर्म के कारण लोग संकट में भी पड़ते दिखाई देते हैं, महाराज का यह कथन सत्य प्रतीत होता है "यदि कोई व्यक्ति दुष्कर्म करे तो उसे 1 गुना पाप का भागी ही होता है जबकि यदि कोई व्यक्ति एक पुण्य कार्य करता है तो उसे सामन्य तौर पर दस गुना पुण्य प्राप्त होता है और विशेष परिस्थितियों में सत्तर गुना तक पुण्य प्राप्त होता है."
ReplyDeleteयह भी कह सकते हैं कि जनकल्याण चाहे न करें, यदि अपना जीवन-यापन बिना भ्रष्ट हुए कर सकें तो यही बहुत बड़ा पुण्य का काम होगा।
मेरा भी एक बार जैन सम्मेलन में जाना हुआ था। वहाँ महात्मा जी ने उपवास का अर्थ समझाया था। उपवास का अर्थ मात्र किसी विशेष दिन निराहार रहना नहीं है, बल्कि वह दिन पूजा पाठ, सत्संग में व्यतीत करना है। जब आप दिन भर भजन सत्संग करेंगे, तो उस दिन कमाई नहीं हो पाएगी। और जब कमाएंगे नहीं, तो खाने का प्रश्न ही नहीं उठता, इसलिए आपको निराहार रहना है। व्रत के दिन पूजा पाठ, भजन कीर्तन, सत्संग प्रमुख है, निराहार रहना गौण है। यदि हम मात्र निराहार रहते हैं, सत्संग आदि नहीं करते तो उपवास का मकसद पूरा नहीं होता।
उपवास की यह व्याख्या तब से मेरे मन में अंकित हो गई है।
- आनंद
शुक्रिया सर... बहुत दिन से आपसे कुछ सुना नहीं...
Deletechander ji,
ReplyDeleteआप की सहायता करका मुझे बहुत खुशी होगी ... अपने ब्लॉग में फोटो डालने के लिए आप इस वेबसाइट से एक अच्छी सी थीम डाऊनलोड करे और वो फोटो दो आपको डालना है उसे मुझे मेल करे .... में आपके लिए उस फोटो को ठेमे में डाल कर आपको पुनः मेल कर दूँगा
वेबसाइट :
http://btemplates.com/
आदरणीय सर
ReplyDeleteआपने कितनी सुन्दर बात कही है...यदि आज के दौर में बिना भ्रष्ठ हुये अपना और अपने परिवार का जीवन यापन कर पायें तो यह बहुत बड़ी बात होगी...
ब्लॉग पर पधारने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद
प्रिय बिग बॉस जी साईट भेजने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद. हम कोशिश कर के आपको कुछ पसन्दीदा फोटो भेजते हैं...
सादर
चन्दर मेहेर
सर आप मेरे ब्लाग पर आये अपने विचार भी आपने प्रकट किये । पढकर अच्छा लगा । लेकिन आपकी कोई नई पोस्ट देखने में नहीं आ रही है. कृपया प्रस्तुत करें.
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट "भ्रष्टाचार पर सशक्त प्रहार" पर आपके सार्थक विचारों की प्रतिक्षा रहेगी.
www.najariya.blogspot.com नजरिया
सुशील जी आपका सवागत है ब्लॉग पर नये पोस्ट के लिये...
Deleteबहुत-बहुत धन्यवाद सुशील भाई साहब। समय पा कुछ नया लिखने का प्रयास ज़रूर करेंगे।आपका लेख निश्चउत ही सार्थक होगा, जल्द ही पढ़ेंगे,
Deleteसादर
जय बाबा जय जिनेन्द्र सदा
JAY MEHER BABA, MY SELF MEHER PRAKASH UPADHYAY AAPKI KITNI TARIF KARU SAMAJH ME NAHI AATA BEHTARIN KAM KIA HAI AAPNE.
ReplyDeleteजय बाबा, मेहेर प्रकाश जी, आप कैसे हैं. आपको लाईफ मज़ेदार पर पढ़ कर बहुत अच्छा लगा. आप कहाँ रहते हैं आपके जीवन में बाबा कृपा कैसे हुई हम जानने को उत्सुक हैं कृपया ज़रूर बताईये. दीपावली आप सभी को बहुत बहुत मुबारक हो. एक बार फिर आप सभी को जय बाबा.
Deleteसादर
आपका ही
चन्दर