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Friday, December 5, 2008

आप कौन हैं...

बात चालीस के दशक की है जब हमारे पिता, इलाहबाद एग्रीकल्चरल इंस्टीट्यूट में पढ़ा करते थे। इस इंस्टिट्युट में फीस काउन्टर पर बैठी अँगरेज़ महिला, छात्र छात्रों के शोर शराबे से बेहद परेशान थी .  

परेशान हो कर अँगरेज़ महिला ने काउन्टर के सामने वाली दीवार पर एक पोस्टर लगाया जिस पर उन्होंने लिखा की जो विचारों के बारे में बात करता है वह सर्वश्रेष्ट व्यक्ति होता है, जो घटनाओं के बारे में बात करता है वह मध्यम प्रकार का व्यक्ति होता है और जो व्यक्तियों के बारे में बात करता है वह सबसे साधारण प्रकार का व्यक्ति होता है. अंत में एक प्रश्न लिखा की "आप किस श्रेणी के व्यक्ति हैं". 

इस पोस्टर के चिपकाने के बाद फीस काउंटर पर आने वाले छात्र छात्राएं शांतिपूर्वक फीस जमा कर जाने लगे.

3 comments:

  1. हस्ती चढ़िए ज्ञान की, सहज दुलीचा डार
    श्वान रूप संसार है, भूंकन दे झकमार

    कहते को कहि जान दे, गुरु की सीख तू लेय
    साकट जन और स्वान को, फेरि जवाब न देय

    राष्ट्र भाषा परिषद् की परम्परा यहाँ भी कायम रहे :)

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Jai Baba to You
Yours Sincerely
Chandar Meher

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