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Sunday, July 23, 2023

ईश्वर श्रद्धा

खलीफा उमर, ईश्वर की बड़ी सेवा किया करते थे, उनके बताये रास्ते पर पूरे अनुशासन से चलते थे।


एक रोज़ उनकी मुलाकात एक फरिश्ते से हुई, जिन्होंने खलीफा को यह बताते हुये एक किताब दी कि इस किताब में उन लोगों के नाम हैं जो ईश्वर से सबसे ज़्यादा प्यार करते हैं।

 

किताब पा कर, खलीफा ने पन्ने पलट कर इस विश्वास के साथ अपना नाम ढूँढा कि इस किताब में उन्हें अपना नाम ज़रूर मिलेगा। परंतु अपना नाम इस किताब में नहीं पा कर वे उदास हो गये। अब खलीफा ने ईश्वर की सेवा और प्रार्थनायें और बढ़ा दीं। 


कुछ दिनों बाद फरिश्ता फिर से खलीफा से मिला तो कहा, क्या बात है आप बहुत उदास लग रहे हैं। इस पर खलीफा ने अपनी उदासी का कारण बताया।


अब खलीफा ने उन्हें एक और किताब दी। खलीफा ने पाया कि इस बार किताब में उन लोगों के नाम थे जिन्हें ईश्वर प्रेम करते थे।


खलीफा ने देखा तो इस किताब में अपना नाम पहले स्थान पर पाया। इस प्रकार खलीफा ने ईश्वर की कृपा महसूस की और उनकी उदासी दूर हो गई।


ईश्वर क्या चाहते हैं यह जानना मनुष्य के सामर्थ्य में नहीं है। ईश्वर के प्रति पूर्ण श्रद्धा ही श्रेयस्कर है।

 जय प्रियतम अवतार मेहेरबाबा सदा

🙏🌈🌈😇😇🙏

1 comment:

  1. बहुत सुन्दर पिताजी, आपके अनुभव बहुत अनमोल है हम लोग के लिये।

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Your welcome on this post...
Jai Baba to You
Yours Sincerely
Chandar Meher

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