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Tuesday, December 21, 2010

जैसा खायें अन्न वैसा हो मन....

आहार का प्रमुख कार्य भूख मिटाना तथा पौष्टिक तत्व प्रदान करना है. थोड़ी समझदारी तथा सावधानी पूर्वक भोजन पकाया जाये तो अधिक पोषक तत्व हमारे शरीर को प्राप्त होंगे. भोजन पकाने में निम्नलिखित सावधानियाँ बरतें:
1.      उचित मात्रा में पानी लेकर दाल पकायें.
2.      जिस पानी में दाल / छोले / मटर / राजमा इत्यादि भिगोये गये हों उसी पानी में  इन्हें पकायें.
3.      दाल / छोले / मटर / राजमा इत्यादि में खाने वाला सोडा डालकर ना पकायें. सोडे से विटामिन बी नष्ट होगा.
4.      दाल और चावल को कुकर में पकाय़ें इससे खाना जल्दी तथा कम तापमान पर पकेगा और पोषक तत्व नष्ट नहीं होंगे.
5.      आटे को बिना छानेचोकर सहित गूँथें और उपयोग करें. चोकर विटामिन बी और रेशे का बहुत अच्छा स्त्रोत है जो पाचन में मदद करता है तथा कब्ज़ से बचाता और धमनियों को मज़बूती प्रदान करता है.
6.      जो भी फल और सब्ज़ी छिल्के सहित खाई जा सकती हैं जैसे अमरूदपपीतासेब,  टमाटरखीराककड़ी इत्यादि,  उन्हें अच्छी तरह साफ पानी से धो कर (बहते हुये पानी में कम से कम 2 मिनट) छिलके सहित सेवन करें ताकि कीटनाशकों जैसे कृषि रसायनों और  फलों को चमकाने वाले रसायनों तथा अन्य गन्दगी से बचा जा सके  
7.      फल एवं सब्ज़ियों को छीलने हेतु छिलनी का उपयोग करें और छिलके मोटे न छीलें. मोटे छिलके छीलने से खाद्य सामग्री की मात्रात्मक हानि होती है.
8.      सब्ज़ी को काटने के पहले ही धो लें. कई पोषक तत्व पानी में घुलनशील होते हैं इनकी हानि नहीं होगी.   
9.      सब्ज़ी के टुकड़े बड़े आकार के काटें. इससे सब्ज़ी का कम हिस्सा सीधे तेल / घी / वनस्पती तेल / पानीआँच और वायु के सम्पर्क में आयेगा और पोषक तत्वों का ह्रास कम से कम होगा.  
10. छीली और काटी हुई सब्ज़ी को पानी में न डुबायें.
11. सब्ज़ियों को लोहे की कड़ाही में थोड़ी सी खटाई डाल कर पकायें एवं पकने के फौरन बाद सब्ज़ी को स्टील के बर्तन में पलट लें ताकि सब्ज़ी काली न पड़े. लोहे की कड़ाही में खाना पकाने से खाने में लौह तत्व की मात्रा बढ़ जाती है.
12. खाद्य सामग्री को पकाते समय और पकाने के बाद भी ढक कर सुरक्षित स्थान रखें.
13. पके भोजन को बहुत अधिक ना भूनें और ना ही गहरा तलें.
14. भोजन को धीमी आंच में उचित समय हेतु पकायें.
15. एक बार पके खाने को बार बार नहीं पकायें ऐसा करने से भोजन के पौष्टिक तत्व नष्ट होंगे.
16. खाना पकाते समय नमक का प्रयोग नहीं करें बल्कि खाना पक जाने के बाद नमक मिलायें. सलाद पर नमक नहीं डालें. ऐसा करने से सलाद में से पानी निकलेगा जिसके साथ पानी में घुलनशील पौष्टिक तत्वों की हानि होगी.
17. अलग अलग किस्म के अनाजों को मिला कर बिर्रा बनायें. ऐसा करने के लिये आप गेहूँ में ज्वारमक्काबाजराजौचना और सोयाबीन मिलायें. सोयाबीन का बिर्रा बनाने के लिये नौ भाग गेहूँ में एक भाग सोयाबीन मिला कर पिसवायें और उपयोग करें.
18. खाना बनाने और खाने के लिये एल्युम्युनियम के बर्तन का उपयोग नहीं करें. ऐसा करने से भोजन अखाद्य हो जायेगा.
19. सब्ज़ियों और दालों को खटाई डाल कर पकायें जिससे लौह तत्वकैल्शियम तथा अन्य जैविक तत्व सुरक्षित रहते हैं.
20. भोजन की थाली में अधिक से अधिक प्राकृतिक रंगों की खाद्य सामग्री शामिल करें. जितने अधिक रंग की खाद्य सामग्री भोजन में शामिल करेंगे खाना उतना अधिक पौष्टिक होगा.  रंगबिरंगी सब्ज़ियों और फलों के लिये रंगबिरंगी बगिया लगायें जिसमें विविध प्रकार के रंगों की सब्ज़ियाँ तथा फल जैविक रूप से उगायें.    

21. स्थानीय तौर पर उगाई जाने वाली मौसमीताज़ीएवं सस्ती खाद्य सामग्री को भोजन में शामिल करें. यह आपके लिये सर्वाधिक उपयुक्त रहेगी.  

2 comments:

  1. जानकारी से भरपूर पोस्ट| धन्यवाद|

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया लाईफ मज़ेदार पर पधारने के लिये. आप कैसे हैं. क्या करते हैं. हमें ज़रूर बताईयेगा. आपका इंतज़ार है.
      चन्दर्

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Jai Baba to You
Yours Sincerely
Chandar Meher

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