आहार के सम्बन्ध में जैन धर्म बहुत विवेकशील है और सतर्कता बरतता है। इसी क्रम में एक रोचक “रसी का सिद्धान्त” है। इस सिद्धान्त के अनुसार हर एक रोज़ के लिए एक खास रस के त्याग का उपक्रम निश्चित किया गया है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार किए गए उपवासों के दौरान भी यदि इस सिद्धान्त का ध्यान रखा जाए तो यह बहुत उपयोगी होगा। जिस भी रोज़ का उपवास आपको रखना हो उस रोज़ उससे जुड़े रस का त्याग कर के अपने उपवास को अधिक प्रभावशाली बना सकते हैं।
यह सिद्धान्त इस प्रकार है:
रविवार: इस रोज़ नमक का त्याग करें।सोमवार: इस रोज़ शक्कर का त्याग करें.
मंगलवार: इस रोज़ शुद्ध घी का त्याग करें।
बुधवार: इस रोज़ हरी सब्जी का त्याग करें।
गुरुवार: इस रोज़ गाय के दूध और केले त्याग करें।
शुक्रवार: इस रोज़ खट्टे (जैसे: दही, नीम्बू इत्यादि) का त्याग करें।
शनिवार: इस रोज़ तेल का त्याग करें।यह उपवास शारीरिक, धार्मिक और अध्यात्मिक दृष्टि से बहुत लाभकारी हैं.
शुभकामनायें।
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Chandar Meher