Total Pageviews

Monday, September 8, 2014

यस बॉस

  1. जब आप नौकरी पर पहली बार जाते हैं तो प्राम्भिक दिनों में आपका अधिकारी आपकी क्षमताओं का आकलन करता है. अधिकारी का भरोसा जीतें यह आपकी प्राथमिकता की सूची में पहला कार्य होना चाहिये. कोई न कोई ऐसे कार्य में आपकी कुशलता होने चाहिये कि जब भी उस कार्य की बात आये तो अधिकारी सिर्फ आपको ही बुलाये.
  2. जब आप कोई नई नौकरी प्रारम्भ करते हैं या आपके ऑफिस में कोई नया अधिकारी नियुक्त होता है या स्थानंतरित हो कर आता है तब यह भी एक सन्धि काल होता है. इस समय भी बड़े धैर्य का परिचय देने का समय होता है. आपका अधिकारी इस अवधि में सूक्ष्मता से आपकी परीक्षा लेता है. इस समय आप अपने कार्य और क्षमता को अपने पक्ष में कार्य करने दें. बोलें कम और कार्य अधिक करें.  
  3. कार्यालय में कई अधीनस्थ कार्यरत होंगे किंतु अधिकारी इन अधीनस्थों से ही चुन कर अपनी एक कोर टीम बनाता है, जिसपर वह सबसे अधिक विश्वास करता है.सन्धि काल के समय की गई जाँच पड़ताल के नतीजे के आधार पर ही वह अपने यह टीम बनाता है. यह अपने अधिकारी और नये माहौल को समझ कर नये सिरे से भरोसा जीतने का समय होता है.
  4. यदि अधिकारी आप को कोई कार्य सौंपता है तो उसे धन्यवाद दें क्योंकि या तो वह आप पर भरोसा कर रहा है या फिर आपकी परीक्षा ले रहा है जिसमें सफल होने पर वह आपको अपनी कोर टीम में शामिल कर सकता है. कोर टीम में शामिल होने पर आप अपनी नौकरी को सुरक्षित मान सकते हैं. पर हो सकता है कि और सहयोगियों की आँखों की किरकिरी आप हो जायें और यह सहयोगी आप को चुनौती देते रहें जिस कारण अधिकारी के समक्ष आपको रह रह कर परीक्षा देते रहने पड़े. किंतु बिना इन सहयोगियों की चिंता किये आप अपनी ज़िम्मेदारी पूर्ण करते रहें. कार्य पूर्ण होने के उपरांत अधिकारी को सूचित अवश्य करें.  
  5. कुछ अधिकारी अपना भय दिखा कर शासन करना चाहते हैं ताकि उनका भय शासन करे तथा वे कार्य भार से मुक्त रहें. ऐसे अधिकारी को अक्सर चापलूस लोग घेर लेते हैं और अपने चश्मे से ही कार्यालय दिखाते हैं और साहब के भय का प्रचार प्रसार कर के अधिकारी की सहायता करते हैं तथा अधिकारी और बाकी अधीनस्थों के बीच अपने आप को एक चैनल के रूप में स्थापित करते हैं. ऐसे लोगों की चिंता न करें. आप अपना कार्य ज़िम्मेदारी और इमानदारी से करें. अंतत: अधिकारी चाहता है कि कार्य समय पर पूर्ण हो और जो अधीनस्थ ऐसा करते हैं अधिकारी उनकी कद्र करते हैं.
  6. जब भी अपको यह सूचना मिले के अधिकारी ने आपको बुलाया है आप हड़बड़ी में न जायें. एक गहरी साँस लें और विचारे करें कि अधिकारी ने आपको पिछला कौन सा कार्य  आप को सौंपा था जिसे आप निपटा रहें हैं और कार्य कि अभी तक क्या प्रगति हुई है.
  7. अधिकारी के पास जाने से पहले एक बार अपने कपड़े ध्यानपूर्वक सम्भाल लें, जैसे शर्ट इन कर लें, बालों पर कंघी फिरा लें. प्रेज़ैन्टेबल होने से स्वयं का आत्मविश्वास बढ़ता है. इसके उपरान्त ही अधिकारी से मिलें.    
  8. जब भी अधिकारी के पास जायें तो साथ में पेन और डायरी साथ ले जायें. पैन पहले से चला कर देख लें और डायरी के जिस पन्ने पर लिखना है उसे निकाल कर पहले से ही रख लें.अधिकारी द्वारा दिये गये आवश्यक निर्देशों को लिख लें और साथ ही अपने मन में उठ रहे प्रश्न भी लिख लें.अधिकारी की बात पूरी हो जाने दें तब मौका निकाल कर अपने सवाल विनम्रतापूर्वक पूछें और उनका उत्तर भी डायरी में लिख लें.   अधिकारी की बात बिलकुल भी न काटें और आपका प्रश्न कितना भी आवश्यक क्यों न हों बीच में बिलकुल न पूछें. अधिकारी की बात ध्यानपूर्वक सुनें और ग्रहण करें.कुछ अधिकारी आपको बिना पूर्व तैयारी के अचानक प्रश्न कर, स्तब्ध करना चाहते हैं. ऐसी परिस्थिति में भी यदि आपकी वर्क डायरी आप के साथ है तथा अपटूडेट है तो आपको कोई परेशानी नहीं होगी.   
  9. जब  आपका अधिकारी, आपसे प्रश्न करें तब समझें कि वह आपसे सुनने को तैयार है, इस परिस्थिति में ही आप बोलें अन्यथा आपकी बात का अनादर हो सकता है. अधिकारी को सलाह भूल के भी न दें.अधिकारी के पास कभी भी समस्या लेकर न जायें अन्यथा कुछ समय बार अधिकारी आपको ही समस्या के रूप में पहचानेगा. अधिकारी के पार हमेशा समाधान लेकर ही जायें और प्रिय बनें.
  10. कोई भी आवश्यक बात यदि आप अधिकारी से करना चाहें तो ऐसा समय चुनें जब अधिकारी के पास या उसके कक्ष में और कोई भी व्यक्ति न हो अन्यथा वह अन्यावश्यक हस्तक्षेप कर सकता है. 
  11. अधिकारी के दिनचर्या तथा उसकी आवशयाकताओं का पूरा पूरा ज्ञान रखें तथा अपनी दिनचर्या उसी अनुसार बनायें. आप अधिकारी से पहले कार्यालय पहुँचें और अधिकारी के कार्यालय छोड़ने के उपरान्त ही कार्यालय छोड़ें.
  12. कार्यालयीन कार्य तो अधिकारी हेतु आवश्यक होता ही है किंतु ध्यान रखें कि अधिकारी के व्यकिगत कार्य अधिक महत्वपूर्ण होता है. यदि आप आगे बढ़ कर इसमें सहयोग करते हैं तो यह आपको अधिकारी के नज़र में और भी अधिक बहुमूल्य बनायेगा.  

2 comments:

  1. अच्‍छा आलेख है... । आपने बहुत रोचक ढंग से कुछ थंबरूल बताए हैं, लेकिन पढ़कर हमारा जी नहीं भरा। इसे कुछ और विस्‍तार से बताएँ, प्रत्‍येक बिंदु के आगे इसे अपने व्‍यक्तिगत जीवन के उदाहरणों द्वारा समझाएँ।

    साथ ही यह भी बताएँ कि यदि आप बॉस की बातों, या कार्यक्रमों से असहमत हैं, तो उसे कैसे हैंडल करें!

    ReplyDelete
  2. आनन्द सर, जो क्यक्ति आई.ए.एस. की परीक्षा पास नहीं कर पाता वह आई.ए.एस. की कोचिंग खोल लेता है. कुछ ऐसी ही हालत यह थम्ब रूल लिखते समय हमारी है..... आपने जो कहा है उसे पूरी करने की कोशिश ज़रूर करेंगे.... :)

    ReplyDelete

Your welcome on this post...
Jai Baba to You
Yours Sincerely
Chandar Meher

Related Posts with Thumbnails