
खरगोश को बड़ा आश्चर्य हुआ. उसने कौये से पूछा “ क्या तुम्हें कोई काम करने की ज़रूरत नहीं पड़ता?” कौये ने कहा “नहीं, दिन भर मैं मज़े में रहता हूँ. तुम्हारी तरह पूरे दिन खटता थोड़ॆ ही रहता हूँ. चाहे तो तुम भी कोशिश कर के देख सकते हो”.
खरगोश ने भी ठान ली कि वो भी फुनगी पर जा कर बैठेगा और मज़े करेगा। क़ोशिश करने पर भी जब वह पेड़ पर नहीं चढ़ पाया तो पेड़ के नीचे ही पैर-पर-पैर चढ़ा कर लेट गया और लगा सीटी बजाने.
कुछ ही दूर से एक लोमड़ी गुज़र रही थी उसने बढ़िया शिकार देखा तो उसका
मन ललचा गया. उसने आव देखा न ताव बस एक ही झपट्टॆ में खरगोश को चट कर गयी.
मैनेजमेंट सीख 1 : शीर्ष पर रह कर आप बिना काम किये भी रह सकते हैं पर निचले क्रम पर रह कर बिना काम किये आप बच नहीं सकते.
क्रमशः.... कहानी का अगला भाग कहानी दो में ....
http://google.co.in/
वाह, मज़ा आ गया। इन्हें देखकर पंचतंत्र के कहानियों की याद हो आई। आपको याद होगा इसमें पशु पक्षियों को पात्र बनाकर लोकनीति और राजनीति की बातें सिखाई गई हैं। इसी संदर्भ में एक कहानी मुझे हमारे माहौल में काफी प्रासंगिक लगती है। गौर फरमाएँ:
ReplyDeleteबरसात के मौसम में बया अपना घोसला मज़बूत बना रही थी। अपने राशन पानी का स्टॉक जमा कर रही थी। तभी उसने देखा कि बाहर बारिश में एक बंदर भीग रहा है और ठिठुर रहा है। उसने कहा, "मैं इतनी छोटी होकर अपना काम सिस्टमेटिक तरीके से कर रही हूँ। तुम तो अधिक चतुर और क्षमतावान हो, तुम्हें भी अपने आवास का इंतज़ाम कर लेना चाहिए"।
बंदर को यह बात जमी नहीं कि छोटी सी चिड़िया उसे उपदेश दे। उसके अहंकार को चोट लगी। उसने गुस्से में आकर बया का घोसला तोड़-फोड़ डाला।
इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है? कौन सा मैनेजमेंट फंडा निकलता है, नहीं जानता। सरकारी नौकरी में हूँ। इतना ज़रूर जानता हूँ कि बॉस या अपने से ऊँची पोस्ट पर बैठे व्यक्ति को कोई अच्छी सलाह देना, ढेरों मुसीबतों को न्यौता देना है।
पंचतंत्र को लिखे सैकड़ों साल हो गए, एक प्रकार के सुजान इससे सीख कर सुधर जाते हैं, दूसरे प्रकार के लोग ज्यों का त्यों बने रहते हैं।
प्रश्न : आप स्वयं को इनमें से कौन सी कैटेगरी में पाते हैं?
शुभकामनाएँ...
:) आनंद
Wonderful Ananda Sir. You I am afraid I fall into a talkative lot and have found myself landing in trouble afetr suggesting my bossess!!!
ReplyDeleteRegards
Chandar
कहानी में सीख हो तो कहानी बेशकीमती हो जाती है. बहुत-बहुत शुक्रिया. आगे भी पढना चाहूँगा. लिखते रहिये.
ReplyDelete--
Till 25-09-09 लेखक / लेखिका के रूप में ज्वाइन [उल्टा तीर] - होने वाली एक क्रान्ति!
Thank You Amit Ji. I am pleased that you encouraged me by visiting my blog. I will definitely try to keep writing worthwhile...
ReplyDeleteLots of Love and Avatar Meher Baba Ji Ki Jai
Chandar Meher
Khoobsoorat kahaniyaan hain. Pehle suni thi par bhool gaya tha. Aapne phir se yaad dilayi. Dhanyawad. Aapne mere blog http://gubaar-e-dil.blogspot.com par aakar honsla awjai ki. bahut bahut dhanyawad.
ReplyDeleteThis is an amazing story. Kids really enjoy such stories and I think these are better ways to teach them ethics and morals. Do you need more stories for your kids for free and not finding right platform to download printable then you can find them at kidsfront.com. Their free practice tests are also very useful http://www.kidsfront.com/academics/class/1st-class.html.
ReplyDelete