क्या आप ज्योतिष विज्ञान पर विश्वास करते हैं?? तब तो आपने ग्रहों के उपचार के लिए भी प्रयास किए होंगे. पेश है एक अनोखा उपचार जो सौ फीसदी आपको फायदा करेगा। कोशिश करना चाहेंगे??
इस उपचार का फलसफा बड़ा सरल है। हमारे आस- पास जितने भी रिश्ते हैं वे सभी किसी न किसी ग्रहों के प्रतिनिधि हैं. जिस भी ग्रह का उपचार आप करना चाहते हैं उस रिश्ते को दिल से मज़बूत करें (खास बात: इस प्रयास में इमानदार बेहद ज़रूरी है).
पर सावधान!!! अगर आपकी किसी रिश्ते से दूरी बढ़ती है तो उस रिश्ते से सम्बंधित ग्रह आपके विमुख हो सकता है. यानि लाभ के बजाय हानि उतनी पड़ सकती है. तो, मॉरल ऑफ़ द स्टोरी इज सभी रिश्तों से बना कर चलना ही बेहतर है. उदाहरण के तौर पर जिस घर में पत्नी का सम्मान होगा वहां लक्ष्मी जी का वास होगा. जिस घर में पिता का सम्मान होगा उस घर का समाज में मान सम्मान होगा, प्रतिष्ठा बढेगी और जिस घर में माँ का सम्मान होगा उस घर में शांती का वास होगा। तो ??? क्या सोचा है???
अब जानिए किस ग्रह के लिए कौन सा रिश्ता बेहतर बनायें: १.सूर्य: पिता, ससुर, मुखिया, बॉस, पति २.चंद्र:माँ, सास ३.गुरु:गुरु, टीचर, पूर्वज ४.राहू:सेवक, नौकर, प्यून ५.बुध: बच्चे, बहन, बूआ, देवरानी, जेठानी ६.शुक्र:पत्नी ७.केतु:पड़ोस, समाज, अद्यात्मिक व्यक्ति, चर्म रोग या पेट के रोग से ग्रसित व्यक्ति ८.शनि:गरीब व्यक्ति, सताए लोग, दीन -हीन ९.मंगल:भाई, देवर, जेठ.
तो फ़िर रिश्ते निभाइए और खुश रहिये!!!
स्वागतम
ReplyDeletejo log rishte nibhana jante hain we ekele nahin rahte, narayan narayan
ReplyDeleteरिश्ते सुधार, ग्रह सुधारने की अच्छी सिख दी है आपने. स्वागत मेरे ब्लॉग पर भी.
ReplyDelete(Pls remove unnecessary word verification.)
ब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत है. खूब लिखें, खूब पढ़ें, स्वच्छ समाज का रूप धरें, बुराई को मिटायें, अच्छाई जगत को सिखाएं...खूब लिखें-लिखायें...
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आप मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं.
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अमित के. सागर
(उल्टा तीर)